1. घर की वास्तु सुधारने के उपाय:
- हल्दी की गांठें और ताम्बे के चकोर या गोल टुकड़े सही दिशा में रखने से घर की वास्तु सही की जा सकती है।
2. हेल्थ वास्तु (Health Vastu):
- मुख्य दिशा: NNE (North-North-East)
- इम्यूनिटी (Immunity) की दिशा: हेल्थ समस्याओं के लिए यदि कोई व्यक्ति अपना बेड रूम बदल ले, तो इससे उसे फायदा हो सकता है।
3. पांच तत्त्वों का दोस्त और दुश्मन:
- हर दिशा में पांच तत्त्वों के दो दोस्त और दो दुश्मन होते हैं, जिनके प्रभाव से वास्तु में सुधार या विघटन हो सकता है।
4. पानी के तत्त्व (Water Element):
- दोस्त: वायु और आकाश
- दुश्मन: अग्नि और पृथ्वी
- पानी के लिए सही दिशा:
- ब्लू/ब्लैक कलर, चांदी, एल्युमिनियम, फाउंटेन पानी के एलिमेंट के लिए अच्छे होते हैं।
- पानी का एलिमेंट आकाश और वायु की दिशा में ठीक रहता है, लेकिन यदि वह अग्नि की दिशा में जाता है तो पैसा फंसने, पावर और कॉन्फिडेंस कम होने के अलावा नींद न आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- यदि पानी पृथ्वी की दिशा में जाता है, तो पृथ्वी पानी को सोख लेती है, जिससे पानी का असर कम हो जाता है।
5. अग्नि तत्त्व (Fire Element):
- दोस्त: वायु, आकाश, पानी
- दुश्मन: पृथ्वी
- अग्नि से संबंधित दिशा: यदि साउथ-ईस्ट (South-East) में अग्नि का प्रभाव हो, तो यह पैसा लाने में मदद करता है।
6. पृथ्वी तत्त्व (Earth Element):
- दोस्त: वायु, आकाश
- दुश्मन: पानी, अग्नि
- पृथ्वी की दिशा में:
- अगर पृथ्वी में पानी या अग्नि का प्रभाव हो, तो यह नुकसान कर सकता है।
7. आकाश तत्त्व (Sky Element):
- दोस्त: पानी, पृथ्वी
- दुश्मन: वायु
- आकाश के लिए सही दिशा: आकाश का एलिमेंट वायु और पृथ्वी की दिशा में ठीक रहता है।
8. तत्त्वों को बीच में रखने से सुधार:
- दुश्मन तत्त्वों को आपस में न लड़ने देने के लिए किसी तृतीय तत्त्व का उपयोग करें।
- उदाहरण: अगर दो कट्टर दुश्मन (जैसे पानी और आग) हैं, तो उनके बीच दोस्त तत्त्व (जैसे आकाश या वायु) का प्रयोग किया जा सकता है।
- इसमें यदि एक तृतीय तत्त्व (जैसे पानी का एलिमेंट) बीच में रखा जाए तो दो दुश्मन तत्त्व आपस में नहीं लड़ेंगे।
9. वास्तु रंगों और तत्त्वों का प्रभाव:
- ब्लू/ब्लैक कलर पानी के तत्त्व के लिए उपयुक्त हैं।
- Yellow Color का उपयोग नॉर्थ दिशा में नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह नुकसानकारी हो सकता है।
- Yellow का रंग South-West (SW) में भी नुकसान पहुंचा सकता है।
इस तरह से आप तत्त्वों का सही दिशा और रंग के हिसाब से उपयोग करके अपने घर और जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
स्वास्थ्य वास्तु बिमारियों से बचने के उपाय
1. किडनी की समस्याएं: यदि NNE (उत्तर-उत्तर-पूर्व) दिशा में दोष है, तो किडनी से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। RO (रिवर्स ऑस्मोसिस) का फिल्टर SSW (दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम) दिशा में नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह किडनी के कार्य को प्रभावित कर सकता है।
2. जिगर (लिवर) की समस्याएं: पूर्व-दक्षिण-पूर्व दिशा में आग तत्व की अधिकता होती है, जो जिगर की समस्याओं का कारण बन सकती है, जैसे स्टोव या कबाड़ रखा होने पर।
3. फेफड़े की समस्याएं: पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम (WSW) और पश्चिम दिशा में फेफड़ों से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। यदि इन दिशाओं में कोई दोष है, तो श्वसन समस्याएं हो सकती हैं।
4. हृदय की समस्याएं: दक्षिण-पश्चिम दिशा में ध्यान रखना चाहिए। यदि इस दिशा में सूखी लकड़ी या खिलौने रखे जाएं, तो यह हृदयाघात का कारण बन सकते हैं। इससे बचने के लिए, इस दिशा के चारों ओर 2" पीली पट्टी पेंट या टेप लगानी चाहिए।
5. ब्लोटिंग (फुलाव): यदि पेट में गैस या ब्लोटिंग की समस्या है, तो यह NW (उत्तर-पश्चिम) दिशा से जुड़ी हो सकती है। पानी के तत्व से भी पेट में फुलाव हो सकता है। इस दिशा में पौधे या चित्रों का होना हवा तत्व की अधिकता को दर्शाता है, जो इस समस्या को बढ़ा सकता है।
6. एसिडिटी: आग तत्व एसिडिटी (पेट में जलन) का कारण बन सकता है। यदि आग सही दिशा में न हो, तो यह पाचन समस्याओं को जन्म दे सकता है।
7. खाना खाने की दिशा: पश्चिम दिशा में खाना खाते समय बैठना शुभ होता है। अगर इसका सही तरीके से न निपटान किया जाए, तो पाचन समस्याएं हो सकती हैं।
8. फोटो चिपकाना: यह माना जाता है कि जातक की "श्रेष्ठ क्षेत्र" में उनकी फोटो चिपकाने से समस्याओं का समाधान हो सकता है।
9. E1 और E2 की एंट्री: E1 क्षेत्र में वस्तुएं खोने और खर्च बढ़ने की संभावना होती है। अगर E1 क्षेत्र में कोई वस्तु रखी हो, तो इलेक्ट्रॉनिक सामान खराब हो सकता है। E2 में जातक बिना सोचे-समझे पैसे खर्च करता है, जो आदत बन सकती है।
10. बच्चों के सोने की दिशा: बच्चों को W6 (पश्चिम-6) दिशा में सोने नहीं देना चाहिए, क्योंकि यह आदर्श नहीं है। बच्चों और छात्रों के लिए ENE (पूर्व-उत्तर-पूर्व) या WSW (पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम) दिशा उत्तम है।
11. धातु का स्थान: धातु, जैसे चांदी, को उत्तर या पश्चिम दिशा में रखें। दक्षिण-पूर्व (SE) और दक्षिण-पश्चिम (SW) दिशा में धातु रखना नुकसानदायक हो सकता है।
12. SW में सामान: दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखी कोई भी वस्तु जल्दी खराब होती है या उस पर ध्यान नहीं जाता। उदाहरण के लिए, अगर कपड़े इस दिशा में रखे जाते हैं, तो वे जल्दी खराब हो सकते हैं।
13. WSW में सोना: WSW में सोना न चाहिए, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा का स्रोत बन सकता है और आलस्य बढ़ा सकता है।
14. NNE में दोष: NNE दिशा में दोष होने पर इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है और स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
15. रसोई की दिशा: रसोई को गलत दिशा में न बनाएं। यदि रसोई गलत दिशा में है, तो चूल्हे के नीचे हरे रंग के पत्थर या संगमरमर का उपयोग करें।
16. दवाइयों का स्थान: दवाइयां NNE में नहीं रखनी चाहिए क्योंकि यह इम्यूनिटी को दर्शाता है। दवाइयों को हमेशा WSW में रखें, जिससे वे उपयोग में न आएं, और स्वास्थ्य समस्याएं स्वतः ही हल हो जाएं।
17. शराब की बोतल: शराब की बोतल को W2 दिशा में रखने से वह घर में नहीं पिए जाती। यह एक तरीका है शराब छुड़वाने का।
18. पैसे का स्थान: पैसे को W2 दिशा में लॉकर में न रखें क्योंकि यह खर्च को बढ़ाता है। पैसे को W3 दिशा में रखें, इससे पैसे का प्रवाह बढ़ता है और यह आपके घर में हमेशा आता रहता है।
19. वास्तु का प्रभाव: घर का एंट्री प्वाइंट धन और समृद्धि को प्रभावित करता है। अगर एंट्री N3 दिशा में है, तो यह बहुत पैसा लाता है। घर के अंदर सही दिशा में वस्तुएं रखने से जीवन में समृद्धि और सफलता आती है।
20. दर्पण और परावर्तन: दर्पण नकारात्मक ऊर्जा को परावर्तित कर सकता है, और घोड़े की तस्वीर अगर गलत दिशा में लगाई जाती है, तो यह पैसे की हानि कर सकती है।
21. व्यक्तिगत विकास और वास्तु: जब किसी व्यक्ति का राशि और वास्तु मिलाकर सही दिशा में होता है, तो सफलता और समृद्धि स्वाभाविक रूप से आती है।
फैक्ट्री वास्तु
1. कर्मचारी क्षेत्रों: उत्तर-पश्चिम दिशा कर्मचारियों के लिए उपयुक्त है, जैसे खाता-बही और बैंक खाता। निदेशक और प्रबंधक के लिए दक्षिण-पश्चिम (SW) दिशा आदर्श है।
2. कंपनी का लोगो: कंपनी के लोगो को दक्षिण या पूर्व दिशा में लगाना चाहिए, जिससे सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित हो और व्यापार में वृद्धि हो।