जन्म नक्षत्र का पेड़ सुरक्षा का कवच , जैसे माता पिता बच्चे को सुरक्षा देते है नक्षत्रों का महत्व और प्लांट रेमेडीज
परिचय: नक्षत्र क्यों महत्वपूर्ण हैं?
अपने नक्षत्र का पौधा जानिए और उसे लगाकर अनुभव कीजिए चमत्कार!
- जन्म कुंडली में ग्रह और भाव के साथ-साथ नक्षत्र भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं।
- ग्रह यदि गलत नक्षत्र में है तो उसका फल भी प्रभावित हो जाता है।
- चंद्रमा नक्षत्रों से सीधा जुड़ा है — चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है वही जन्म नक्षत्र कहलाता है।
- नक्षत्र के गुण हमारे व्यक्तित्व और मन पर प्रभाव डालते हैं।
- हर नक्षत्र का संबंध किसी न किसी वनस्पति, तत्व, और पशु/पक्षी से होता है।
- इस सीरीज में सबसे पहले हम वनस्पति (प्लांट्स) से जुड़ी जानकारी और उनके उपयोग (रेमेडीज) जानेंगे।
1. अश्विनी नक्षत्र (Ashwini Nakshatra)
- संबंधित प्लांट/वनस्पति: अश्वगंधा
- सेवन विधि:
- अश्वगंधा चूर्ण या टैबलेट्स के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
- आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह लेकर ही इसका सेवन करना चाहिए।
- लाभ:
- शरीर में ऊर्जा (Vitality) आती है।
- लेथार्जी (लेजीनेस) दूर होती है।
- एनर्जी लॉस को रिकवर करता है।
- मानसिक और शारीरिक शक्ति बढ़ाता है।
- लेजीनेस और कमजोरी दूर करता है
- ग्रहों से प्रभावित बीमारियों में राहत
2. भरनी नक्षत्र (Bharani Nakshatra)
- संबंधित प्लांट/वनस्पति: आँवला
- सेवन विधि:
- आँवला फल या च्यवनप्राश, आँवला जूस आदि।
- लाभ:
- जीवन में आ रही रुकावटें कम होती हैं।
- पैसे का ठहराव (financial flow blockage) दूर होता है।
- रिलेशनशिप्स की प्रॉब्लम्स में राहत मिलती है।
- मेडिकल इशूज में सुधार होता है।
- भावनाओं को नियंत्रित करता है
- विटामिन C की पूर्ति करता है
- टॉक्सिन्स को शरीर से बाहर निकालता है
- मानसिक तनाव और एंजायटी कम करता है
- महत्वपूर्ण सलाह:
- भरनी नक्षत्र में लोग नीम के पत्तों का सेवन कर रहे होते हैं, जबकि सही वनस्पति आँवला है।
- यह नक्षत्र शिफ्टिंग के समय अधिक प्रभावशाली हो जाता है।
- इस नक्षत्र में कभी-कभी व्यक्ति ओवर एंबिशियस या बहुत कठोर हो सकता है।
- लाल चंदन भी इस कठोरता को कम करने में सहायक है।
कृतिका नक्षत्र – अंजीर वनस्पति: अंजीर लाभ:
- क्रोध नियंत्रण
- भावनात्मक संतुलन
- आध्यात्मिक उन्नति
रेमेडी:
अंजीर भिगोकर खाएँ
अंजीर के पेड़ की छाया में ध्यान करें (यदि संभव हो)
4. रोहिणी नक्षत्र – जामुन
वनस्पति: जामुन
- लाभ:
- ऑब्सेसिव टेंडेंसी और विलासिता की लालसा को नियंत्रित करता है
- डायबिटीज कंट्रोल करता है
- खून को शुद्ध करता है
रेमेडी:
जामुन का सेवन जामुन के पत्तों को श्रीकृष्ण को अर्पित करना
5. मृगशिरा (वृक्षरा) नक्षत्र – खदीरा
वनस्पति: खदीरा की सूखी छाल
लाभ:
मानसिक शांति
घर से कलह-क्लेश और नकारात्मक ऊर्जा हटती है
रेमेडी:
खदीरा की छाल को जलाकर धूना दें
6. आर्द्रा नक्षत्र – पीपली
वनस्पति: पीपली ओर आंवला
लाभ:
पाचन और फेफड़ों की समस्याओं में लाभकारी
नकारात्मक विचारों को सकारात्मकता में बदलती है
रेमेडी:
नियमित रूप से पीपली का सेवन करें
7. पुनर्वसु नक्षत्र – बांस (Bamboo)
वनस्पति: बांस
लाभ:
- जीवन में लचीलापन लाता है
- मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन देता है
रेमेडी:
- बांस के पास ध्यान करें
- बांस के छोटे पौधे घर में रखें
- बांस की डिशेज या अचार का सेवन करें
8.पुष्य नक्षत्र – पीपल (महादेव का पेड़)
- गुरुवार को पीपल के पेड़ में मीठा जल अर्पित करें।
- दीपक जलाएं।
- ये आध्यात्मिक उन्नति करेगा।
- विशेषतः पितृ दोष से संबंधित समस्याओं में बहुत प्रभावी है।
- रेगुलर दीपक और जल अर्पण से पितृ दोष नियंत्रण में आता है।
- बहुत ज़्यादा समस्या हो तो श्मशान भूमि में पीपल लगवाना भी लाभदायक है।
10. मघा नक्षत्र – वट (बरगद का पेड़)
- रविवार को बरगद में मीठा जल चढ़ाएं।
- परिक्रमा करें, उसके नीचे ध्यान करें।
- आभा मंडल (Aura) को शुद्ध करता है, वैभव, मनी फ्लो और रिलेशनशिप में सुधार करता है।
- पितृ दोष से राहत दिलाता है।
11. पूर्व फाल्गुनी – बेल (बिल्व)
- शिवजी को बेल पत्र चढ़ाएं।
- बेल का सेवन करें – गर्मियों में अमृत समान।
- भोग-विलास की प्रवृत्तियों को नियंत्रित करता है।
- अध्यात्म की ओर उन्नति कराता है।
12. उत्तर फाल्गुनी – कटहल (Jackfruit)
- कटहल का सेवन करें और दान करें।
- जीवन में स्थिरता लाता है।
- जिम्मेदारी, उदारता, और परोपकार की भावना जगाता है।
- कटहल का पेड़ भी लगाना लाभकारी है।
13. हस्त नक्षत्र – चमेली
- चमेली के फूल अपने पास रखें।
- मां पार्वती/मां दुर्गा को अर्पित करें।
- चमेली का इत्र लगाएं।
- एकाग्रता, आकर्षण, आभा और हिप्नोटिक प्रभाव देता है।
- लेकिन रात को अकेले में चमेली से दूरी रखें—कभी-कभी नकारात्मक ऊर्जा को भी आकर्षित कर लेता है।
14. चित्रा नक्षत्र – पलाश
- पलाश के फूल का शरबत पीएं।
- उसकी डंडी से राम नाम लिखें।
- रचनात्मकता, अभिव्यक्ति शक्ति, और मानसिक शांति देता है।
- जीवन में रंग भरता है।
15. स्वाति नक्षत्र – अर्जुन
- अर्जुन की छाल का सेवन करें (उबाल कर)।
- हृदय संबंधी रोगों में बहुत उपयोगी।
- कार्डियक और सबकॉन्शियस स्ट्रेंथ में लाभ देता है।
- भ्रम, मानसिक अस्थिरता में भी सहायक।
16. विशाखा नक्षत्र – लाल चंदन
- शुद्ध लाल चंदन लें।
- घिस कर उसका लेप या तिलक लगाएं।
- मानसिक शांति, ध्यान, और दिव्यता में सहायक।
17. अनुराधा नक्षत्र – बकुल
बकुल एक विशेष वनस्पति है। इसका फूल लक्ष्मी जी को अर्पित करें। जब आप इस नक्षत्र में बकुल के फूल चढ़ाते हैं तो प्रार्थना करें – आपके जीवन के कष्ट दूर हों।
लाभ:
- यह भक्ति बढ़ाता है।
- रिश्तों में सामंजस्य (cohesiveness) लाता है – पारिवारिक, आध्यात्मिक, व्यापारिक सभी संबंधों को जोड़ता है।
- भावनात्मक बहाव से लिए गए गलत निर्णयों को रोकता है।
उपयोग: - देवी लक्ष्मी को बकुल के फूल चढ़ाएं।
- चढ़ाते समय अपने मन की बात, अपने कष्ट, प्रार्थना के रूप में रखें।
18. जेष्ठा नक्षत्र – आम
जेष्ठा वालों के लिए आम सबसे उपयुक्त है।
उपयोग:
- आम खाएं।
- आम के पत्तों का तोरण बनाकर घर में लगाएं।
- मंदिर में आम के पत्ते भेंट करें।
- हवन में आम के पत्तों का प्रयोग करें।
लाभ: - जीवन में मिठास लाता है।
- कठोरता को कम करता है।
- मेडिकल सुरक्षा देता है – विशेषकर गर्मियों में।
- जीवन में प्रेम और कोमलता भरता है।
19. मूल नक्षत्र – नाग केसर
नाग केसर का फूल और पेड़ दोनों उपयोगी हैं।
उपयोग:
- नाग केसर के फूल अर्पित करें शिव जी को।
- विशेष रूप से अशोक सुंदरी स्थान पर रखें।
लाभ: - भावनात्मक, मेडिकल और आर्थिक समस्याओं को संतुलित करता है।
- जीवन में मिठास और स्थिरता लाता है।
- परफेक्ट वनस्पति है इस नक्षत्र के लिए।
20. पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र – कमल
कमल और कमल के बीज इस नक्षत्र की विशेष वनस्पति हैं।
उपयोग:
- कमल ना मिले तो ध्यान में कमल की कल्पना करें।
- कमल के बीज से बनी माला से लक्ष्मी मंत्र का जाप करें।
लाभ: - काम, क्रोध, वासना जैसे अंदरूनी शत्रुओं को नियंत्रित करता है।
- फाइनेंसियल समस्याओं से जल्दी उबारता है।
- निर्णय क्षमता और आत्म-नियंत्रण को बढ़ाता है।
21. उत्तराषाढ़ा नक्षत्र – कटहल
कटहल इस नक्षत्र की विशेष वनस्पति है।
उपयोग:
- कटहल का सेवन करें।
- कटहल का दान करें।
लाभ: - नैतिकता और अखंडता को मजबूत करता है।
- जीवन की अस्थिरता (ups and downs) को नियंत्रित करता है।
- स्थिरता और संतुलन लाता है।
22. श्रवण नक्षत्र – सहजन (मोरिंगा)
सहजन यानी मोरिंगा आजकल बहुत प्रसिद्ध हो चुका है।
उपयोग:
- सहजन के पेड़ के नीचे ध्यान करें।
- सहजन का पाउडर, सब्जी आदि किसी भी रूप में सेवन करें।
लाभ: - आपको अच्छा श्रोता (Good Listener) बनाता है।
- क्रिएटिविटी – लेखन, कविता, आर्ट को उभारता है।
- मानसिक शांति और संतुलन लाता है।
- हेल्थ कॉन्शियस लाइफस्टाइल को सपोर्ट करता है।
23. धनिष्ठा नक्षत्र – शमी
शमी एक पवित्र और शक्तिशाली पेड़ है।
उपयोग:
- शमी का पौधा घर में लगाएं।
- शनिवार को शमी के नीचे दीपक जलाएं।
लाभ: - शनि के प्रकोप से रक्षा करता है।
- कर्म सुधारता है।
- आलस्य और अनुशासनहीनता को समाप्त करता है।
विशेष सावधानी: - शमी के पौधे को घर में साफ-सुथरे स्थान पर लगाएं।
- अपवित्रता से बचाएं।
24. शतभिषा नक्षत्र – कदम
कदम का फूल अत्यंत उपयोगी है।
उपयोग:
- कदम के फूल का अधिक से अधिक उपयोग करें।
लाभ: - अलगाव और मानसिक डिटैचमेंट की भावना को दूर करता है।
- सामाजिक और पारिवारिक जुड़ाव लाता है।
- मेडिकल दृष्टिकोण से भी लाभदायक है।
- अकेलेपन और भावनात्मक खालीपन को भरता है।
25.पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र – नीम का वरदान
- पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र से जुड़े जातकों के लिए नीम एक चमत्कारी वृक्ष है।
- उपयोग:
- नीम के पत्तों का सेवन करें।
- नीम की निबोली (फल) खाएं।
- नीम के नीचे ध्यान करें।
- नीम का पेस्ट या दातून उपयोग करें।
- लाभ:
- रोगों से रक्षा, मानसिक शांति, धन का ठहराव, और रिश्तों में स्थिरता।
26. उत्तराभाद्रपद नक्षत्र –
- नारियल की शक्ति उत्तराभाद्रपद वालों के लिए नारियल विशेष प्रभावशाली है।
- उपयोग:
- शुभ कार्यों में नारियल फोड़ें और "जय परशुराम" बोलें।
- नारियल को अपने ऊपर से घुमा कर जल में प्रवाहित करें।
- लाभ:
- जीवन की रुकावटें दूर होती हैं, हेल्थ बेहतर होती है, बाधाएं खत्म होती हैं।
27. रेवती नक्षत्र – मौसमी का जादू
- रेवती नक्षत्र के लिए मौसमी (sweet lime) जीवनशक्ति बढ़ाने वाली वनस्पति है।
- उपयोग:
- मौसमी का ताज़ा जूस पिएं।
- सूखे छिलकों का पाउडर बनाकर पोछे के पानी में मिलाएं।
- लाभ:
- नकारात्मकता दूर होती है, नजर दोष हटता है, ऊर्जा और प्रफुल्लता बनी रहती है।